भगवान राम की बहन के बारें में कितना जानते हैं आप? राजा दशरथ ने क्यों किया पुत्री का दान

भगवान राम की बहन

अयोध्या: भगवान राम की कहानी समझनी है तो उसके लिए दो पुस्तकें बहुत ही उपयुक्त है. पहला वाल्मीकि कृत रामायण और दूसरा महाकवि तुलसीदास कृत रामचरितमानस. अब समस्या यह है कि ज्यादातर लोग सीरियल और फिल्मों के जरिए राम के बारे में जानते हैं. वह अपने ही धर्म के बारे में जानने के लिए जिज्ञासा नहीं दिखाते और किताबों से परहेज करते हैं. इसीलिए आज बहुत कम लोगों को पता है कि भगवान राम की बहन भी थी. आइए इस लेख में उनका इतिहास जानते हैं.

दशरथ की पहली संतान राम नही थे

ज्यादातर लोग यह समझते हैं कि श्री राम दशरथ के पहले संतान थे. लेकिन ऐसा नहीं है. राम से पहले राजा दशरथ और माता कौशल्या को एक पुत्री हुई थी. नाम था शांता. लेकिन माता कौशल्या के बहन वर्षिणी को कोई संतान नहीं थी. इसलिए राजा दशरथ और कौशल्या ने माता शांता को वर्षिणी को गोद दे दिया था. वर्षिणी अंगदेश की रानी थी, ऐसे में माता शांता का लालन-पालन अंगदेश में ही हुआ.

यहां मौजूद है माता शांता का मंदिर

माता शांत का मंदिर उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले से 45 किलोमीटर दूर हर्रैया क्षेत्र में स्थित है. इस मंदिर को श्रृंगी ऋषि ने बनवाया था. और मंदिर का नाम श्रृंगी नारी है. श्रृंगी ऋषि माता शांत के पति थे. जब राजा दशरथ को कोई पुत्र नहीं हो रहा था तो श्रृंगी ऋषि ने ही महायज्ञ करवाया था. इसके बाद ही राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न का जन्म हुआ था.

रामानंद सागर ने नही दिखाया माता शांता का प्रसंग

यह बहुत दुख की बात है की सीरियल और फिल्मों में माता शांता का प्रसंग बिल्कुल ही इग्नोर कर दिया गया है. कई लोगों को तो यह लगता है कि जो रामानंद सागर ने सीरियल बनाया है वही असली इतिहास है. इससे परे और कुछ भी नहीं है. लेकिन हकीकत इसके उलट है. वाल्मीकि और रामचरितमानस में कई ऐसी कथाएं हैं जो रामानंद सागर के सीरियल रामायण में उपलब्ध नहीं है. उदाहरण के लिए माता शांता की यह कथा.

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