लखनऊ: भारत के हर नागरिक को 22 जनवरी का इंतजार है. इस दिन रामलला की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होना है. इस दिन के लिए तैयारी जोरो पर है. बीते मंगलवार से मंदिर में साप्ताहिक पूजा-पाठ हो रहा है. इस बीच Ram Lalla के मूर्ति का पहला झलक देखने को मिला है.
ऐसे दिख रहे हैं रामलला
रामलला के मूर्ति का वजन 150 से 200 किलो है. अपने स्वभाव के अनुसार रामलाल के चेहरे पर सौम्यता और विराटता देखने को मिल रही है. वहीं उनके हाथ में तीर धनुष भी है जो उनके अन्याय के विरोध को दिखाता है. मूर्ति पर ऊं, गणेश, हनुमान, शंख, स्वास्तिक और गदा के भी चिन्ह भी बने है. मूर्ति को देश के सबसे लोकप्रिय मूर्तिकार अरूण योगीराज ने बनाई है.
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कौन है अरूण योगीराज जिन्होंने बनाई Ram Lalla की मूर्ति
अरूण योगीराज भारत ही नही विश्व के जाने-माने मूर्तिकार हैं. वह मैसूर से ताल्लुक रखते हैं. अरुण योगीराज की पत्नी बताया कि जब वह मूर्ति बना रहे थे तो बिल्कुल एक ऋषि का जीवन जी रहे थे. वह सात्विक और कम मात्रा में भोजन ले रहे थे. उनकी पत्नी विजेता योगीराज ने कहा कि, ‘हमने इसके बारे में कभी नहीं सोचा था. मगर अरुण में बहुत प्रतिभा है. उनकी कला को दुनिया भर में पहचान और सराहना मिलनी चाहिए.’
रामलला की मूर्ति काली क्यों
जब से भगवान श्री राम की मूर्ति की पहली झलक आई है लोग तरह-तरह से इस पर रिएक्ट कर रहे हैं. वही इस बीच एक सवाल बार-बार पूछा जा रहा है कि आखिर रामलाल की मूर्ति को काले पत्थर से क्यों बनाया गया है. इसका जवाब देते हुए विजेता योगीराज ने कहा कृष्ण शिला के पत्थर का एक खास प्रयोजन से इस्तेमाल किया गया है. उन्होंने कहा कि अगर इस मूर्ति पर आप दूध चढ़ाते हैं तो बाद में उसका उपयोग भी कर सकते हैं, क्योंकि इस पत्थर पर कोई भी पदार्थ खराब नहीं होगा. विजेता योगीराज ने यह भी बताया कि अरुण पांचवीं पीढ़ी के मूर्तिकार हैं. यानी इससे पहले उनके परिवार में चार जेनेरेशन से मूर्तिकारी हो रही है.
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