लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा चुनाव को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. भाजपा को रोकने के लिए जो महागठबंधन विपक्षी पार्टियों ने बनाई है, मायावती ने उसमें शामिल होने से मना कर दिया है. Mayawati का कहना है कि गठबंधन करने से उनकी पार्टी को नुकसान होता है. अपने जन्मदिन के मौके पर उन्होंने क्या-कुछ कहा, आइए आपको बताते हैं.
पार्टी अकेले लड़ेगी चुनाव
मायावती प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए सुश्री मायावती ने कहा कि, ‘चुनाव को लेकर यह बात फिर से स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि हमारी पार्टी देश में होने वाले लोकसभा चुनाव गरीबों, उपेक्षित वर्गों में से विशेषकर दलितों, आदिवासियों, अति पिछड़े वर्ग, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोगों के बलबूते पर ही पूरी तैयारी व दमखम के साथ अकेले ही लड़ेगी.’
Mayawati ने उठाए ईवीएम पर सवाल
विपक्षी पार्टियां लगातार ईवीएम पर सवाल उठाती हैं. इस सवाल को अब मायावती भी दोहरा रही हैं. मायावती ने कहा है कि, ‘ईवीएम में काफ़ी धांधली हो रही है, इसलिए बीएसपी को नुकसान हो रहा है. ईवीएम में धांधली को लेकर आवाज़ें उठने लगी हैं और हमें उम्मीद है कि जल्द ही ईवीएम पर रोक लगेगा, ऐसी उम्मीद है. गठबंधन को लेकर हमारा अनुभव यही रहा है कि गठबंधन से हमें नुकसान ज़्यादा होता है. इसी वजह से देश में ज़्यादातर दल बीएसपी के साथ गठबंधन करना चाहती है. चुनाव बाद गठबंधन करने पर विचार किया जा सकता है.”
अखिलेश को मायावती ने बताया गिरगिट
अखिलेश यादव और Mayawati के बीच इस वक्त सीधी तकरार चल रही है. अखिलेश यादव को लेकर मायावती ने कहा कि, ‘विपक्ष के इंडिया गठबंधन को लेकर सपा मुखिया ने सोची समझी रणनीति के तहत गिरगिट की तरह रंग बदला है. पिछले महीने आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित करने के बावजूद, ये प्रचारित किया जा रहा है कि बीएसपी प्रमुख संन्यास लेने वाली है. ये फ़र्ज़ी और ग़लत खबर है. ईवीएम में धांधली को लेकर बीएसपी दुखी और चिंतित है. देश में आम चुनाव की घोषणा होने वाली है. बीएसपी के कार्यकर्ता चुनाव में बीएसपी को जिताकर मुझे जन्मदिन का तोहफ़ा दे सकते हैं. बीएसपी आम चुनाव में अकेले ही चुनाव लड़ेगी.’
यह भी पढ़े: PM Modi: जब नरेंद्र मोदी पहली बार पहुंचे थे अयोध्या, अब यह प्रतिज्ञा कर रहे हैं पूरी